Gandhi Darshan Mera Vichar Hi Mera Jeevan Hai at Meripustak

Gandhi Darshan Mera Vichar Hi Mera Jeevan Hai

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    Author(s)Ramavtar Sharma
    PublisherAakar Books
    ISBN9789350025666
    BindingHardcover
    LanguageHindi
    Publish YearJanuary 2019

    Description

    Aakar Books Gandhi Darshan Mera Vichar Hi Mera Jeevan Hai by Ramavtar Sharma

    मनुष्य जीवन के हर काल में एक महतवपूर्ण व्यक्ति सामने आया, जिसे बाद में इतिहास ने युग पुरुष माना! ऐसे व्यक्ति गतिशील, उददेशयात्मक, भविष्यवक्ता, मार्गदर्शक और अपने समय की स्थापित व्यवस्था के नियमों व आदतों के विरोधी होते हैं! मोहन दस करमचंद गाँधी ऐसे ही व्यक्तित्व थे! अपने विचारों - सत्य और अहिंसा की तराज़ू पर स्वयं को तौलकर दूसरों को उसका पालन करने के लिए आग्रह करते थे! उनके विचार - सत्य, अहिंसा, स्वराज, सर्वोदय और न्यासी (ट्रस्टीशिप) न केवल भारत वरन अन्य विकसित देशों में भी जहाँ औधोगिक समाज आर्थिक वितरण के न्यास और सकरात्मन स्वतंत्रता के संकट से जूझ रहे हैं, वहाँ भी उतने ही उपयुक्त हैं! भगवन में अटूट विश्वास, सादगी, मानव-प्रेम, अत्याचार का विरोध, अहिंसा और सत्य का मार्ग, शाकाहार, स्वयं को कष्ट देना, किसी से घृणा नहीं करना, प्रकृति में पूर्ण विश्वास, धन-पद का लालच नहीं रखना, अपने नियमों और आचरण का पालन करना चाहे उसमें अकेले ही क्यों न रह जाएँ, ये ऐसे सिद्धांत थे जिनका उन्होंने अपनी लेखनी, पत्रों व भाषणों के माध्यम से पुरे जीवन-पर्यन्त जनसम्पर्क कर उनका आचार-व्यवहार किया! भारत की आज़ादी में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा और वे भारतीय सामाजिक ढांचे को भी सुधारना चाहते थे! उन्होंने अपना अनोखा व महत्वपूर्ण स्थान अपने ही बल पर बनाया!