Gandhi-Ambedkar Kitne Door Kitne Paas at Meripustak

Gandhi-Ambedkar Kitne Door Kitne Paas

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    Author(s)Raghu Thakur
    PublisherAakar Books
    ISBN9789350027042
    BindingSoftcover
    LanguageHindi
    Publish YearJanuary 2021

    Description

    Aakar Books Gandhi-Ambedkar Kitne Door Kitne Paas by Raghu Thakur

    अभिमन्यु चक्रव्यूह में घेर कर मार दिया गया था और उसकी मौत के बाद चक्रव्यूह समाप्त हो गया था! परन्तु गाँधी एक ऐसे अभिमन्यु हैं जिन्हे चक्रव्यूह में घेर कर मारा गया और शारीरिक हत्या के आज 70-72 वर्षों बाद भी गाँधी की छवि व् व्यक्तित्व की हत्या करने के योजनाबद्ध प्रयास चल रहे हैं! ये प्रयास कौन कर रहा है? क्यों कर रहे है? इन हमलों में कितनी सच्चाई है, इन सबक बेबाक खुलासा इस पुस्त्क में है! गाँधी पर हमले के लिए आंबेडकर को हथियार के रूप में उनके कटु शाब्दिक कथनों के आधार पर प्रयोग किया जाता रहा है! यह पढ़े-लिखे अम्बेडकरवादी जो केवल शाब्दिक अम्बेडकरवादी हैं, भी करते रहे हैं और अब आंबेडकर का इस्तेमाल हिंसा समर्थक शक्तियां भारत व् भारत के बहार करना चाहती हैं! सुश्री अरुंधति राय की पुस्तक एक था डॉक्टर-एक था संत इसी उद्देश्ये से लिखी पुस्तक है! परन्तु इस पुस्तक में लेखक श्री रघु ठाकुर ने अपने तर्कों द्वारा यह सिद्ध किया है की गाँधी व् आंबेडकर में कोई मुलभूत मतभेद नहीं था और उन्होंने उन एकता के सूत्रों को इतिहास के तथ्यों सहित इस पुस्तक में दर्ज किया है जो उनके निष्कर्षो को प्रमाणित करता है! साथ ही इस पुस्तक में यह भी बताया गया है की जो लोग आज आंबेडकर नाम से गाँधी पर हुम्ला कर सकते हैं वे वस्तुतः गाँधी के साथ-साथ आंबेडकर की प्रतिमा को गिराने का भी षड्यंत्रपूर्ण रणनीति पर काम कर रहे हैं! इस पुस्तक में एक वैश्विक-षड्यंत्रपूर्ण रणनीति का गहन अध्यन व् प्रमाणों के साथ खुलासा किया गया है! लेखक ने पुस्तक के शीर्षक 'गाँधी-आंबेडकर: कितने दूर कितने पास' में जो इंगित किया है वे इस पुस्तक को पढ़ने से सिद्ध हो जाता है!