Bharat ke Rahasyamayi Mandir at Meripustak

Bharat ke Rahasyamayi Mandir

Books from same Author: Srinivasan Anand G.

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    Author(s)Srinivasan Anand G.
    Publishertaxmann
    Edition2025
    ISBN9789364554299
    Bindingpaperback
    LanguageEnglish
    Publish YearJanuary 2025

    Description

    taxmann Bharat ke Rahasyamayi Mandir by Srinivasan Anand G.

    भारत के रहस्यमयी मंदिर एक सर्वांगीण यात्रा है जो आपको भारत के सबसे रहस्यमयी मंदिरों के दिल में लेकर जाती है—ऐसे स्थान जो तर्क को चुनौती देते हैं, फिर भी इस भूमि की गहरी आध्यात्मिक नब्ज़ को स्थिर रखते हैं, जिसके लिए यह देश अपने समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए मशहूर है। यह किताब उन कथाओं, वास्तुशिल्प अद्भुतताओं और जीवित परंपराओं को जोड़ती है, जो पूरे देश के कोने-कोने में, 90+ विभिन्न मंदिरों में देखने को मिलती हैं। तिरुपति बालाजी और द्वारका नगरी जैसे प्रतिष्ठित मंदिरों से लेकर देवरगट्टू माला मल्लेश्वर और ककेनमह जैसे कम जानें जाने वाले अद्भुत स्थानों तक—हर पृष्ठ आस्था, मिथक और ऐसे अद्भुत घटनाओं से परदा उठाता है जो आज भी भक्तों और विद्वानों को हैरान कर देती हैं।

    भारत में, मंदिर केवल पूजा के स्थान नहीं होते; ये सांस्कृतिक पहचान, ऐतिहासिक स्मृति और कलात्मक  नवाचार के केंद्र होते हैं। भारत के रहस्यमयी मंदिर इन बहु-स्तरीय महत्व को सम्मानित करता है, उन अद्भुत स्थलों को प्रमुखता देकर जो लोक कथाओं और वास्तविकता के चौराहे पर खड़े हैं। कुछ मंदिरों में ऐसे प्राकृतिक चमत्कार होते हैं जैसे एक अनन्त ज्योति जो बिना किसी ईंधन के जलती रहती है, या एक स्तंभ जो हवा में लटका दिखाई देता है। अन्य स्थान वास्तुशिल्प चमत्कारों के लिए मशहूर हैं—जैसे मोनोलिथिक संरचनाएं जो पूरी तरह से एक ही पत्थर से तराशी गई हों, या गुरुत्वाकर्षक विरोधी मीनारें। और कुछ में आपको भारत की गूढ़ परंपराओं की झलक मिलती है: सदियों से चली आ रही तांत्रिक रीतियां, रात्रि में सुनी जाने वाली देवों की गुप्त बातें, या ऐसी अद्भुत चिकित्सा जिनकी लोगों ने भूमि की मिट्टी से जुड़कर पुष्टि की है।

    यह किताब हर एक घटना को एकदम सुलभ तरीके से समझाती है, ताकि पाठक उस अद्वितीय मिश्रण को खूब आनंद के साथ समझ सके जो इन भारतीय पवित्र स्थलों में समाया हुआ है।

    यह पुस्तक निम्नलिखित पाठकों के लिए सहायक होगी:

    भक्तों और यात्रियों के लिए – जो लोग श्रद्धा और आध्यात्मिक जिज्ञासा की वजह से खिंचे चले आते हैं, उनके लिए यहाँ अनुष्ठान प्रथाएं, स्थानीय लोक कथाएँ, और अद्वितीय मंदिर प्रथाओं की पूरी जानकारी मिलेगी। यह किताब उनके लिए मार्गदर्शक जैसी होगी, जिससे वे अपनी तीर्थ यात्राओं की योजना बना सकें और ऐसी शक्तिशाली स्थलों की खोज कर सकें जहाँ प्रार्थना और भक्ति का माहौल हो।
    इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला के शौकीन – हर मंदिर प्रोफाइल में ऐतिहासिक संदर्भ (जैसे कौनसी वंश, अभिलेखीय प्रमाण, और वास्तुशिल्प तकनीक) के साथ-साथ सांस्कृतिक दृष्टिकोण (त्योहार, संगीत, और स्थानीय रिवाज) दिया गया है, जो एक विद्वत्तापूर्ण खजाने की तरह काम करेगा।
    यात्रा के शौकीन और साहसी – अगर आप छिपे हुए रत्नों की खोज के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, तो आपको इस किताब में बड़े ही सूक्ष्म रूप से विस्तृत विवरण मिलेंगे: कैसे पहुँचना है, कब जाना है, और क्या उम्मीद करनी है—साहसिकता, प्राकृतिक सौंदर्य, और भारत की जीवंत धरोहर में पूरी तरह डूबने का मौका।
    पौराणिक कथाओं और लोक कथाओं के रसिक – शाप, वरदान, रहस्यमय दर्शन, और अलौकिक घटनाओं की कहानियाँ उन सभी को आकर्षित करेंगी जिनको भारतीय पौराणिक परंपराओं की समृद्ध काल्पनिकता पसंद है।
    वर्तमान प्रकाशन प्रथम संस्करण है, जिसे श्रीनिवासन आनंद ने लिखा है, इस पुस्तक में निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:

    [विस्तृत सामग्री तालिका] - इसमें 90+ प्रविष्टियाँ शामिल हैं, जहाँ प्रत्येक मंदिर का नाम, स्थान और पृष्ठ संदर्भ दिए गए हैं ताकि इसे आसानी से नेविगेट किया जा सके।
    [विस्तृत मंदिर प्रोफाइल] - प्रत्येक अध्याय उस विशेष मंदिर के अनूठे पहलुओं को प्रस्तुत करता है—चाहे वह अस्पष्ट 'मासिक धर्म' घटना हो, या कोई नंदी मूर्ति जिसका आकार बढ़ता जाता हो, या फिर शिवलिंग जिसकी नमी हमेशा बनी रहती हो।
    [ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ] - प्रत्येक मंदिर को उसके ऐतिहासिक युग—चोल, विजयनगर, मराठा, आदि—से जोड़कर पृष्ठभूमि दी गई है, जिससे पाठकों को उस स्थल की कलात्मक धरोहर और क्षेत्रीय महत्व बेहतर ढंग से समझ में आता है।
    [चमत्कारी घटनाएं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण] - लोक मान्यताओं और कथाओं का उल्लेख करते हुए अध्याय उन वैज्ञानिक सिद्धांतों या प्राकृतिक व्याख्याओं पर भी चर्चा करता है जो उन घटनाओं को समझने की कोशिश करते हैं, और फिर पाठक खुद अपना निष्कर्ष निकाल सकते हैं।
    [गुफा मंदिरों पर विशेष खंड] - स्वतंत्र मंदिरों के अलावा, पुस्तक के अंतिम हिस्से में भारत की रॉक-कट वास्तुकला का व्यापक अवलोकन है, जहाँ अजंता, एलोरा, बादामी जैसी साइटों को कवर किया गया है, जहाँ आध्यात्मिक भक्ति और इंजीनियरिंग का कमाल साथ-साथ दिखता है।
    [आस्था बनाम विज्ञान] - कई अध्यायों में स्थानीय कहानियों और वैज्ञानिक तर्क दोनों को प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक आध्यात्मिक मान्यताओं का खंडन नहीं करती; बल्कि भक्तों की आस्था का सम्मान करते हुए अनुभवजन्य दृष्टिकोणों को भी स्वीकार करती है।
    [फोटोग्राफिक और चित्रात्मक समर्थन] - जहाँ तक संभव हुआ, छवियाँ और आरेख दिए गए हैं ताकि वास्तुकला के डिजाइनों से लेकर विस्तृत स्थलों तक सब कुछ दिखाया जा सके।
    [आगे की खोज के लिए प्रेरणा] - 90+ मंदिर—विभिन्न युगों, विभिन्न धार्मिक शाखाओं, और भौगोलिक क्षेत्रों के—यह विविधता आपको अपनी तीर्थयात्रा या रिसर्च योजना बनाने के लिए प्रेरित करेगी। साथ ही कुछ नोट्स यात्रा सुझाव, यात्रा के सर्वश्रेष्ठ मौसमों (जो त्योहारों के आसपास होते हैं), की जानकारी भी देते हैं।
    पुस्तक की कवरेज निम्नलिखित है:

    पूरे भारत की खोज – मंदिरों को अधिकांशतः राज्य-वार वर्गीकृत किया गया है, शुरुआत होती है आंध्र प्रदेश से - जैसे श्री पनाकाला लक्ष्मी नरसिंहस्वामी मंदिर जहाँ 'भगवान आधा प्रसाद स्वयं ग्रहण कर लेते हैं,' या फिर लेपाक्षी मंदिर, जो अपने होवरिंग पिलर के लिए मशहूर है। उसके बाद असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और आगे बढ़ते हुए उत्तराखंड के हिमालयी तीर्थों तक का सफर, और फिर उन गुफा आश्रयों तक, जो भारत की भौगोलिक विविधता में इधर-उधर बिखरे हुए हैं।
    लोक कथाएँ और स्थानीय अनुष्ठान – देवरगट्टू पहाड़ियों के 'छड़ी-लड़ाई' अनुष्ठान से लेकर कर्नाटक के दुर्गा परमेश्वरी मंदिर के वार्षिक 'अग्नि खेल' तक, हर प्रविष्टि उस मंदिर के आध्यात्मिक कैलेंडर को जीवंत करती है। कुछ उदाहरण:
    बिहार के मुंडेश्वरी मंदिर में रक्तविहीन बलि – यहाँ बकरियों की बलि बिना खून बहाए दी जाती है, जो एक पुरानी परंपरा का अनूठा अनुकूलन है
    दक्षिणेश्वरी राज राजेश्वरी मंदिर में रात्रिकालीन 'संवाद' – भक्त कहते हैं कि रात में मूर्तियों की हल्की सी आपसी बातें सुनाई देती हैं—एक अस्पष्ट घटना
    चुंबकीय पहाड़ियाँ और शून्य गुरुत्वाकर्षण – गुजरात के तुलसी श्याम मंदिर में गाड़ियाँ जैसे 'ऊपर की तरफ चलने' लगती हैं, जो आगंतुकों को हैरान करती है और वैज्ञानिक जांच और आध्यात्मिक चमत्कार का अद्भुत संयोजन बनाती है
    वास्तुकला की चमक – यह किताब भारत की वास्तुकला की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डालती है। एक ही चट्टान से तराशा गया कैलाश मंदिर, तंजावुर के बृहदेश्वर मंदिर का 80-टन का केपस्टोन, और हम्पी के विट्ठल मंदिर के जटिल 'संगीतमय स्तंभ' ये सब मध्यकालीन निर्माताओं की प्रतिभा को दिखाते हैं। वाराणसी का 'झुका हुआ' रत्नेश्वर महादेव मंदिर और तेलंगाना के रामप्पा मंदिर में उपयोग की गई 'फ्लोटिंग ईंटें' हमें भौतिकी और आस्था के बीच के अंतरखेल पर हैरान करती हैं।
    चमत्कारी घटनाएं
    निरंतर बढ़ती मूर्तियाँ – ऐसे शिवलिंग, जो हर साल बढ़ते जाते हैं, जिनके लिए मंदिर को समय-समय पर विस्तार करना पड़ता है।
    बुझ न सकने वाली आग – अनंत ज्योतियाँ (जैसे ज्वाला देवी) जो बिना किसी स्पष्ट ईंधन के जलती रहती हैं, वैज्ञानिक जिज्ञासा और धार्मिक श्रद्धा का सबसे बड़ा उदाहरण।
    दिव्य सुरक्षा – जैसे तनोट माता मंदिर पर बम फेल हो गए और फटे नहीं, और शनि शिंगणापुर जहाँ पूरा गाँव बिना दरवाजों के रहता है।
    रहस्यमयी भूगोल – कई स्थानों पर महाकाव्य कथाओं के संदर्भ मिलते हैं—जैसे लेपाक्षी का रामायण कनेक्शन (जहाँ कहा जाता है कि जटायु गिरा था) या फिर संभल, जहाँ आने वाले समय में भगवान कल्कि का जन्म होगा। ये संदर्भ मंदिरों को केवल एक भौतिक परिदृश्य से नहीं, बल्कि एक पौराणिक आयाम से भी जोड़ते हैं, जहाँ देवी-देवता और महापुरुष धरती पर अवतरित हुए हैं।
    पुस्तक का ढांचा (Structure) निम्नलिखित है:

    परिचय
    एक प्रारंभिक नोट संदर्भ सेट करता है, बताता है कि भारत में मानव निर्मित और प्राकृतिक 'मंदिरों' को कैसे साथ-साथ पूजा जाता है, और कैसे यह रहस्य भक्ति का एक अभिन्न अंग है।
    राज्य-वार मंदिर अध्याय
    प्रत्येक क्षेत्र के मंदिरों को समूहित करके रखा गया है, जहाँ एक छोटा-सा स्थानीय सांस्कृतिक पृष्ठभूमि दिया गया है। फिर व्यक्तिगत मंदिर की कथाएँ स्थान, उत्पत्ति कहानियाँ, प्रमुख त्योहार, और उस मंदिर के चमत्कार/रहस्य को विस्तार से वर्णित करती हैं।
    गुफा मंदिर संकलन
    अंतिम अध्याय एक व्यापक दृष्टिकोण लेते हैं, और भारत की रॉक-कट धरोहर का अन्वेषण करते हैं—अजंता, एलोरा, बादामी, उदयगिरी-खंडगिरी जैसे उदाहरण। यह बताते हैं कि कैसे भूमिगत मंदिरों का निर्माण धार्मिक, कलात्मक, और शाही संरक्षण के बीच संतुलित हुआ।
    समापन और निष्कर्ष
    पुस्तक का अंत उन अस्पष्ट चीजों पर विचार करता है जिनका भारत आज तक श्रद्धा के साथ पूजन करता आ रहा है, और कैसे यह चमत्कार आस्था, रचनात्मकता, और समुदाय के एक जीवंत निरंतरता को बनाए रखते हैं।