Description
Scientific Publishers Ayurved Vanosidhi Sampada (Hindi) 1st Edition by R K Bhutiya
प्रस्तुत पुस्तक उन व्यक्तियों के लिये अति उपयोगी है जिनकी आयुर्वेद एवं भारतीय औषध द्रव्यों में रूचि है। आयुर्वेद के स्नातकों, आयुर्वेद चिकित्सकों के साथ-साथ उन सभी व्यक्तियों के लिये भी उपयोगी है जो विभिन्न जड़ी बूटियों को जानने समझने में रूचि रखते हैं।अपने आस पास खेत, खलिहानों में, उद्यानों में एवं आस पास के जंगलों में बहुमूल्य आयुर्वेदिक औषधियाँ पाई जाती है, जिनका आयुर्वेद चिकित्सा में बहुत अधिक प्रयोग होता है। जानकारी के अभाव में हम इन्हें खरपतवार समझकर नष्ट कर देते हैं या चारे के रूप में जानवरों को खिला देते हैं यदि हम इन्हें जान, समझ पायें तो इनका लाभ उठाकर चिकित्सा में प्रयोग करके काफी धनराशि बचा सकते हैं, अथवा इनसे औषधों का निर्माण करके रोगियों को दे सकते हैं। इससे धन की बचत के साथ साथ अच्छी कार्य क्षमता एवं गुणवत्ता की औषधियाँ भी प्राप्त होगी।इन दिनों यह अनुभव किया जा रहा है कि आयुर्वेदिक औषधियाँ अत्यधिक महंगी हो गई है और इनकी लागत और विक्रय मूल्य में 10 से 20 गुना तक अन्तर आ रहा है, जबकि आयुर्वेद की चिकित्सा जनता इसलिये लेती है कि यह सस्ती होती है या चिकित्सालय में निःशुल्क मिलती है।प्रस्तुत पुस्तक में आयुर्वेद में प्रयुक्त किये जाने वाले और भारत में पाये जाने वाले विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों का सम्पूर्णता से वर्णन, रंगीन चित्र सहित किया गया है। वनस्पतियों का हिन्दी, संस्कृत, स्थानीय एवं लेटिन नामों के साथ.साथ उनकी फैमिली एवं प्रकारों के नाम भी दिये गये हैं। वनस्पतियों के स्वरूप जैसे वृक्ष, लता आदि तथा तना, पत्र, पुष्प, फल इत्यादि का सम्पूर्णता से वर्णन किया गया है। इनके उत्पत्ति स्थान, प्रयोग में आने वाले अंग, औषधीय मात्रा, गुणकर्म, विभिन्न रोगों में उपयोग एवं व्यवहारिक रूप से रोगों में प्रयोग के लिये योग दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त लताओं, वृक्षों और क्षुपों की पृथक से सूची, कण्टकयुक्त वनस्पतियों की सूची, मिलती जुलती औषधियों की सन्दिग्धता निवारण, चरक, सुश्रुत संहिता में वर्णित रोगों के औषध समूह, विभिन्न स्रोतस की दृष्टि में उपयोगी औषधियां एवं आधुनिक मतानुसार रोग व लक्षणों में प्रयोज्य औषधों की सूची दी गई है।