Description
Scientific Publishers Antrrastriya Arthshastra (Hindi) P/B by Swami K D
अपने विषय के विशेषज्ञ प्रो॰ के॰डी॰ स्वामी ने अन्तरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र जैसे जटिल विषय को बड़ी ही सुगम व सुबोध शैली में प्रस्तुत किया है। प्रस्तुत पुस्तक भारतवर्ष के विभिन्न विश्वविद्यालयों में एम.ए. व बी.ए. आॅनर्स कक्षाओं के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए लिखी गई है। पुस्तक में एम.फिल. व राष्ट्रीय शैक्षिक परीक्षा ;छम्ज्द्ध के प्रसंगों का भी समावेश है। सामग्री को सरलतम स्तर से प्रारम्भ करके उच्चस्तर तक लाने का प्रयास पुस्तक की प्रमुख विशेषता है। उच्चस्तर की पत्रिकाओं में प्रकाशित विषय-विशेषज्ञों के लेखों पर आधारित विषय-सामग्री ने पुस्तक की गुणवत्ता को और बढ़ा दिया है। अन्तरराष्ट्रीय व्यापार के नये सिद्धान्त वास्तविक जगत में व्यापार की सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्याख्या है, उदाहरणार्थ, विकसित राष्ट्रों के आपसी व्यापार में निर्मित माल के व्यापार को उद्योगान्तर्गत व्यापार ;प्दजतंपदकनेजतल ज्तंकमद्ध के माॅडल द्वारा ही स्पष्ट किया जा सकता है अतः यह खण्ड पुस्तक में जोड़ दिया गया है। इसी प्रकार ”विशिष्ट कारक माॅडल” ;ैचमबपपिब थ्ंबजवते डवकमसद्ध भी मानक अन्तरराष्ट्रीय सिद्धान्तों का हिस्सा बन चुका है। अतः इस माॅडल को विस्तारपूर्वक स्पष्ट किया गया है। व्यापार में गैर-प्रशुल्क अवरोधों ;छवद.जंतपिि इंततपमतमे जव जतंकमद्ध के बढ़ते प्रचलन को मद्देनजर रखते हुए इस शीर्षक का पूरा अध्याय ही लिख दिया गया है। इसके अलावा आई.एम.एफ. डब्ल्यू.टी.ओ. व भारत की व्यापार-नीतियों पर नवीनतम सामग्री पुस्तक में जोड़ी गई है। कुल मिलाकर इस नवीन संस्करण में विद्यार्थियों व प्राध्यापकों के लिए विषय से सम्बद्ध स्तरीय, नवीनतम व प्रामाणिक पठनीय सामग्री प्रस्तुत की गई है।